तहसील ऑनलाईन से पूर्व की प्रक्रिया :-


तहसील ऑनलाईन से पूर्व की प्रक्रिया

       तहसील ऑन-लाईन से पूर्व की सम्पूर्ण प्रक्रिया निम्‍नानुसार चरणबद्ध तरीके से अपनाई जानी है :-

  1.   ग्राम की जमाबन्‍दी का आदिनांकीकरण (अपडेशन)
     a.   सभी नामान्‍तरकरणों को राजस्‍व रेकार्ड में अमल-दरामद करना
     b.   सभी अपवादित खातों का निस्‍तारण करना तथा
     c.   खातों को सेग्रीगेट करना, ताकि प्रत्‍येक काश्‍तकार की जाति, हिस्‍सा तथा यदि किसी बैंक में रहन रखा गया है, तो उसका अंकन हो जाये।
     d.   इसके बाद जमाबन्‍दी बिल्‍कुल उसी प्रकार से तैयार की जानी है, जिस प्रकार से एक नई चौसाला जमाबन्‍दी बनाई जाती है अर्थात् –

                                      I.     बंटवारे (तकासमा) के कारण खसरों की संख्‍या बढ जाने से खसरा इण्‍डेक्‍स भी संशोधन करना होगा।
                                    II.     नामान्‍तरकरण के आधार पर खातों का विलय और विभाजन (Splitting) होगा।
                                  III.     खातों को नये नम्‍बर दिये जायेंगे।
     e.   प्रत्‍येक खाते को ई-धरती सॉफ्टवेयर में दिये पूर्व निर्धारित जिम्‍मन प्रकारों में से एक दिया जायेगा, ताकि विभिन्‍न सरकारी विभागों एवं मंदिर माफी आदि भूमियों की संख्‍यात्‍मक सूचना सरलता से प्राप्‍त हो सके।
     f.    इस कार्य के बाद ई-धरती पर दी हुई ग्रामवार सम्‍पूर्ण बिन्‍दुओं की रिपोर्ट देखें व सुनिश्‍िचत करें कि सभी बिन्‍दुओं के विरूद्ध लम्बित प्रकरण शून्‍य है।
  2.   ग्राम के कैडस्‍ट्रल मैप का आदिनांकिकरण (अपडेशन) एवं डिजिटाइजेशन
     a.   गत सैटलमेन्‍ट के बाद की मूल शीट (मोमिया अथवा स्‍टेण्‍डर्ड पेपर पर), जो भी नवीनतम/कार्यशील हो, उसको कम्‍पनी द्वारा स्‍कैन किया जायेगा।

     b.   तत्‍पश्‍चात डिजिटाइज्‍ड मैप को मूल शीट से मिलान किया जावे। दोनो नक्‍शों का क्‍यूसी टीम द्वारा पूर्णत- सही मिलान व रिपोर्ट करने के पश्‍चात वैण्‍डर द्वारा मैप को वैक्‍टराइज किया जायेगा।
     c.   वैण्‍डर द्वारा वैक्‍टराइज्‍ड मैप का एक नया प्रिन्‍ट अर्द्ध-पारदर्शी पॉलीस्‍टर शीट (बटर पेपर) पर दिया जायेगा। जिस पॉलिस्‍टर शीट पर प्रिन्‍ट दिया जावे, वह पॉलीस्‍टर शीट तापमान के उतार-चढाव से प्रभावित नही होनी चाहिये।
     d.   उपरोक्‍त प्रकार की शीट पर पटवारी-गिरदावर समस्‍त बकाया तरमीमों का अंकन सुनिश्‍िचत करेगें।
     e.   नामान्‍तरकरण द्वारा बने समस्‍त नये खसरा नम्‍बरों की तरमीम आवश्‍यक रूप से करनी है।
     f.   तरमीम करते समय पटवारी-गिरदावर नामान्‍तरकरण के साथ बने तितम्‍बा सजरा, खसरा विभाजन की जमीनी वास्‍तविकता और यदि मौके पर खेतों की मेड (बंड) स्‍पष्‍ट नही हो तो खातेदारों से चर्चा कर निर्णय करेंगे।
     g.   शत-प्रतिशत तरमीम हेतु सुनिश्‍िचत करना है कि :-

                                     I.     गत भू-प्रबन्‍ध के पश्‍चात नामान्‍तरकरण से बने नये खसरों को खसरा इण्‍डेक्‍स में शामिल कर लिया गया है।
                                   II.     जो आदिनांक खसरा इण्‍डेक्‍स है, उसमें शामिल प्रत्‍येक खसरा वर्तमान नक्‍शे में शामिल होना आवश्‍यक है।

     h.    नल खसरा :- ऐसे खसरे, जो नक्‍शे पर हैं, लेकिन जिन्‍हे कोई नम्‍बर नहीं दिया गया है, नल खसरा स्‍वीकार योग्‍य नहीं है, अत :-

              i.     ग्राम की मूल सर्वेशीट/लठठा शीट/ मोमिया शीट में जांच करनी है कि उक्‍त खसरे को कही पर नम्‍बर दिया हुआ मिल जाये।
                ii.     गत भू-प्रबन्‍ध नक्‍शा व मिलान क्षेत्रफल में जांच की जावे कि खसरा नम्‍बर तो दर्ज है, परन्‍तु नक्‍शें में अंकित करने से रह गया हो।
            iii.     अगर उक्‍त दोनो तरीकों से समस्‍या का समाधान नहीं हो, तो मौके पर जाकर उक्‍त खसरे के स्‍वामित्‍व की जानकारी की जावे।
              iv.     कतिपय गॉवों में नवीन ग्राम सृजन के समय दूसरे ग्राम के खसरे इस ग्राम के खसरों के बीच में आ जाते हैं, अर्थात् दो ग्रामों के बीच की सीमा।

    i.   तत्‍पश्‍चात वन-टू-वन मैपिंग प्रक्रिया नीचे दर्शाये अनुसार की जानी है।
    j.   इसके बाद पटवारी द्वारा नक्‍शा मय निम्‍न चैकलिस्‍ट वैण्‍डर को दिया जाना है, जो समस्‍त तरमीमों को डिजिटाइजड नक्‍शे में शामिल करेगा।
    k.   वैण्‍डर को अन्तिम डिजिटाइजड प्रिन्‍ट देने से पहले यह सुनिश्‍िचत कर लेना है कि :- 

                                        i.     वैक्‍टराईज्‍ड नक्‍शे के प्रत्‍येक पोलीगन (प्‍लॉट) को खसरा नम्‍बर दिया हुआ है।
                                       ii.     नक्‍शे का प्रत्‍येक खसरा नम्‍बर जमाबन्दी (आरओआर) में सम्मिलित है।
                                      iii.     जमाबन्‍दी के खसरा इण्‍डैक्‍स में दर्ज प्रत्‍येक खसरा नम्‍बर वैक्‍टराईज्‍ड मैप में भी मौजूद हैं।
   3.   जमाबन्‍दी और कैडस्‍ट्रल मैप के मध्‍य वन-टू-वन मैपिंग :-
              a.       वन-टू-वन मैपिंग का आशय है कि
                                            i.            नक्‍शे के प्रत्‍येक खसरे का भिन्‍न नम्‍बर हो।
                                          ii.            प्रत्‍येक खसरा, जो जमाबन्‍दी में मौजूद है, वह कैडस्‍ट्रल मैप में भी मौजूद हो।
                                        iii.            प्रत्‍येक खसरा जो कैडस्‍ट्रल मैप में मौजूद है, वह जमाबन्‍दी में भी मौजूद हो।

             b.       ग्राम की वन-टू-वन मैपिंग शत-प्रति‍शत शुद्ध हो, इस हेतु सूचना निम्‍नानुसार चै‍कलिस्‍ट में वैण्‍डर व तहसीलदार द्वारा संयुक्‍त रूप से तैयार की जावें :-

क्र.सं.
चैकलिस्‍ट बिन्‍दु
सूचना
1.
जिला व तहसील का नाम

2.
गिरदावर व पटवार मण्‍डल का नाम

3.
ग्राम का नाम अंग्रेजी व हिन्‍दी में

4.
ग्राम का सैन्‍सस कोड (अपना खाता वैबसाईट अनुसार)

5.
सेग्रीगेशन प्रक्रिया से ज्ञात कुल अपवादित खाते

6.
निस्‍तारित अपवादित खातों की संख्‍या

7.
लम्बित अपवादित खातों की संख्‍या

8.
नामान्‍तरकरण पंजिका में दर्ज में अन्तिम नामान्‍तरकरण संख्‍या व दिनांक

9.
अनिर्णित नामान्‍तरकरणों की कुल संख्‍या व क्रमांक

10.
स्‍थगन प्राप्‍त नामान्‍तरकरणों की कुल संख्‍या व क्रमांक

                                                                                                                                 


11.
जो अपना खाता में दर्ज नहीं है, उन नामान्‍तरकरणों की संख्‍या व क्रमांक

12.
अन्तिम नोट की संख्‍या

13.
जिनका जमाबन्‍दी में अमल नहीं हुआ है, ऐसे नोट की कुल संख्‍या

14.
अन्तिम शुद्धि पत्र का क्रमांक

15.
जमाबन्‍दी में अमल से शेष नोट की कुल संख्‍या

16.
पटवारी की मुद्रित चौसाला जमाबन्‍दी के खसरा इण्‍डैक्‍स का अन्तिम खसरा नम्‍बर

17.
सभी नामान्‍तरकरणों के अमल के बाद सेग्रीगेटेड जमाबन्‍दी के प्रिन्‍ट में खसरा इण्‍डैक्‍स का अन्तिम खसरा नम्‍बर

18.
पटवारी की चौसाला जमाबन्‍दी के खसरा इण्‍डैक्‍स के खसरों की कुल संख्‍या

19.
सभी नामान्‍तरकरणों के अमल के बाद सेग्रीग्रेटेड जमाबन्‍दी के खसरा इण्‍डैक्‍स में खसरों की कुल संख्‍या

20.
वैण्‍डर द्वारा तरमीम हेतु दिये गये डिजिटाइड मैप में खसरों की कुल संख्‍या

21.
तरमीम की प्रक्रिया में जुडे/बने नये खसरों की कुल संख्‍या

22.
वैण्‍डर को डिजिटाइजेशन हेतु नक्‍शा पुन: लौटाने से पूर्व मैप में खसरों की कुल संख्‍या

23.
जो खसरे जमाबन्‍दी में तो हैं, लेकिन नक्‍शे में नहीं है, उनकी कुल संख्‍या व नम्‍बर

24.
जो खसरे नक्‍शे में तो हैं, लेकिन जमाबन्‍दी में नहीं है, उनकी कुल संख्‍या व नम्‍बर

25.
पटवारी की चौसाला जमाबन्‍दी में कुल खातों की संख्‍या

26.
वन-टू-वन मैपिंग के बाद अन्तिम/फाईनल जमाबन्‍दी में खातों की संख्‍या


   4.   उपरोक्‍त समस्‍त प्रक्रिया की पूर्णता के पश्‍चात किसी तहसील को ऑन-लाईन करने का प्रस्‍ताव भेजने से पूर्व संबंधित जिले के DIO (NIC) को स्‍वयं के स्‍तर पर सुनिश्‍िचत करना है :-
         a.   प्राप्‍त डेटा का सेग्रीगेशन सर्वर में डालकर व्‍यापक परीक्षण करके अन्तिम जांच रिपोर्ट का प्रिन्‍ट लेकर यह सुनिश्‍िचत करना है कि सभी मानकों पर उपयुक्‍त पाया गया है।
         b.   जमाबन्‍दी डेटा तहसील के सेग्रीगेशन सर्वर से और मैप की शेप फाईल कम्‍पनी से प्राप्‍त करनी है।
         c.   दोनो को जिला स्‍तर पर भू-नक्‍शा सॉफ्टवेयर में डालकर और चलाकर फाईनल जांच रिपोर्ट प्राप्‍त कर यह सुनिश्‍िचत करना है कि डेटा पूर्णत: सही और मापदण्‍डानुसार है।
         d.   तत्‍पश्‍चात यह अनुशंसा करनी है कि वह तहसील ऑनलाईन अधिसूचित किये जाने की पात्रता रखती है।
                                  .......................................

                                                                                                                                     द्वारा
                                                                                                                       भू प्रबन्‍ध विभाग राजस्‍थान

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